फूल बेचते हैं अक्सर
उनके हाथों में खुशबु रह जाती है
इसीलिए ये हिसाब रखना छोड़ दिया कि
मैंने किस-किस के साथ अच्छा किया है.
उम्मीद रब से दिल से शायरी
उम्मीद तो बहुत थी रब से
पर रब की रज़ा देख कर
रब से चाहना भी छोड़ दिया
फिर भी उस रब का कैसे शुक्रिया अदा करूँ कि
उसने किस अदा से मेरा साथ दिया.
पर रब की रज़ा देख कर
रब से चाहना भी छोड़ दिया
फिर भी उस रब का कैसे शुक्रिया अदा करूँ कि
उसने किस अदा से मेरा साथ दिया.
उसे सलामत रखना जिसे हम चाहते हैं शायरी
या रब उसे सलामत रखना जिसे हम चाहते हैं
उसे खुश रखना जिसके लिए फ़रियाद करते हैं
पाया है हमने एक ऐसा हमसफ़र
जिसके प्यार को अब सब लोग याद करते हैं.
प्यार करने वालों का रब भी साथ देता है
कुछ शायरी दिल से....
सोचा न था कि जिंदगी इस मोड़ पे लाएगी
जहाँ नफरत फिर मोहब्बत से हार जाएगी
प्यार करने वालों का रब भी साथ देता है
ये कुदरत है जाने कैसे-कैसे खेल दिखाती है.
खुदा जब इंसान का साथ देता है तो दिल से साथ देता है इसलिए कहते हैं कि भरोसा गर रब पे है तो फिर किसी इंसान से झूठी उम्मीद मत रखो.
भरोसा रब पे रक्खो किसी इंसान से झूठी उम्मीद मत रखो
खुदा जब इंसान का साथ देता है तो
दिल से साथ देता है
इसलिए कहते हैं कि
भरोसा गर रब पे है तो फिर किसी इंसान से झूठी उम्मीद मत रखो.
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